“चाहत बदली, मन बदला"
देखो,,
चाहत बदली, मन बदला,
मगर गम नहीं बदला,,
हम पीटते रहे, सर मुसलसल,
मगर जुर्म नहीं बदला...
ये लज्जतों के उल्हानो ने,
रोक दिए जवानी के कस,,
अजीजों ने घर...
चाहत बदली, मन बदला,
मगर गम नहीं बदला,,
हम पीटते रहे, सर मुसलसल,
मगर जुर्म नहीं बदला...
ये लज्जतों के उल्हानो ने,
रोक दिए जवानी के कस,,
अजीजों ने घर...