A date with bestfriend: part II
बातों ही बातों में हो गयी थी शाम,
बैठे हम वहाँ, ना कोई धंदा, ना कोई काम।
फिर हम गए नीचे, बनाना था इलायची वाली चाय,
एक 'चाय पे चर्चा' तो बनता था न भाई।
उसके चाय में चीनी कम, मेरे में चार चम्मच पूरा,
वैसे उसका साथ हो, ऐसी एक शाम हो, मैं तो ज़हर भी पी लूँ सारा।
गुलाबी आसमान, खुले बाल, उसके गोल गोल आंखे, बढ़ा प्यारा था मुझे,
एक चुस्की चाय, बैठे मैं सोचु, क्या कभी बता पाऊंगा तुझे?
© TheMaskedIdiot
बैठे हम वहाँ, ना कोई धंदा, ना कोई काम।
फिर हम गए नीचे, बनाना था इलायची वाली चाय,
एक 'चाय पे चर्चा' तो बनता था न भाई।
उसके चाय में चीनी कम, मेरे में चार चम्मच पूरा,
वैसे उसका साथ हो, ऐसी एक शाम हो, मैं तो ज़हर भी पी लूँ सारा।
गुलाबी आसमान, खुले बाल, उसके गोल गोल आंखे, बढ़ा प्यारा था मुझे,
एक चुस्की चाय, बैठे मैं सोचु, क्या कभी बता पाऊंगा तुझे?
© TheMaskedIdiot