...

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चलो आज माफ कर दे,,,,
चलो लिखते हैं आज कुछ नया
कुछ मेरे दिल का तो कुछ तुम्हारे मन का
कुछ पुरानी यादें लिखते हैं तो कुछ आज़ाद ख्याल लिखते हैं,,
चलो ना आज अपने अपने दिल की बात लिखते हैं ,,

कैद दिलों की फरियाद लिखते हैं ,,
अनचाहे ज़ख्मों की याद लिखते हैं ,,
चलो ना अपने-अपने एहसास लिखते हैं ,,

वह बातें जो सिर्फ तुमसे कही,,
वह बातें जो किसी से कह ना सकी,,
अल्हड़ होने के बावजूद मैं अल्हड़ रह ना सकी ,,

चलो आज दिल के कुछ अनचाहे जख्म खोलें ,,
थोड़ा नमक तुम भी मल लो,,
थोड़े मरहम हम भी हो ले,,
चलो आज अपने हर गुनहगार को माफ कर दें ,,

कब तक यू...