...

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प्रेम तेरा मेरा
बंद लिफाफे में रखी
कुछ ख्वाहिशें संभालते...
आना तेरा क्या हुआ,
तितली सी उड़ जाते....
रंग भरे हर कोने
सरगम छेड़ जाते....
छत मेरी उतर
चांदनी मिली झिलमिलाते....
कैसा ये प्रेम तेरा मेरा
बिन मिले भी ❤️ एकदूजे के लिए पिघलते।।
© सांवली (Reena)