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घर बाबल रो ( राजस्थानी गीत )
काई बताऊं म्हारी लाडो तनै, सब बाता को बेरो छै
यो घर बाबल रो थारो , थोड़ा दिना रो डेरों छै

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हँसती मुळकती रहले तु , जी में आवै जो करले
थारा ई काळजीय नें तु , खुशियाँ से भरले
जद तक ना होवै पराई , सब चीजा पर हक तेरो छै
यो घर बाबल रो थारो , थोड़ा दिना रो डेरों छै

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घणा कोढ स्यूँ पाळी तनै , मन जाणी कसर ना छोड़ी
मखमल गद्दा सेज बिछायों , म्हँ भला चादर फाटी ओढ़ी
देणो है ज्यों दे दे ओळमो , किण बाता को हेरो छै
यो घर बाबल रो थारो , थोड़ा दिना रो डेरों छै

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म्हारे घर री बेल अमर तु , यूँ ही बधती जाजै
खारो पाणी नाड़ा रो , अमृत जय्या पाजै
रिजै महकती हरदम तु , आशीष बापू देरो छै
यो घर बाबल रो थारो , थोड़ा दिना रो डेरों छै

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सास समझ जे मावड़ी , सुसरों बाबल जिया को
चमकाजै तु आँगणो , घर जाकर पिया को
धीरज धरणों सिख लियै तु ,हिवड़ो म्हारो केरो छै
यो घर बाबल रो थारो , थोड़ा दिना रो डेरों छै