जाने-दो..!
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
वहीं तो जिंदगी भर रहेगा,
जो आज भी अपनों से दूर रहेगा।
उम्र बीती दिन यादों में बिताने से,
वक़्त नहीं थमता, बस गुज़रता रहता है।
अब ना जाने कौन से राह पर चला जाए,
हर किसी को अपनी अपनी मंज़िल...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
वहीं तो जिंदगी भर रहेगा,
जो आज भी अपनों से दूर रहेगा।
उम्र बीती दिन यादों में बिताने से,
वक़्त नहीं थमता, बस गुज़रता रहता है।
अब ना जाने कौन से राह पर चला जाए,
हर किसी को अपनी अपनी मंज़िल...