*** एहसास ***
*** कविता ***
*** एहसास ***
" इश्क ज़ाहिर ठहरा ,
मैंने उसका नाम अभी लिया नहीं ,
हसरतें मजलूम हैं वेशक ,
उसको कह दूं अभी ग्वारा नहीं ,
होने दें एहसास जरा उसको ,
इस ख्याल का भी कुछ ख्याल हो नहीं ,
इस हसरत भरी...
*** एहसास ***
" इश्क ज़ाहिर ठहरा ,
मैंने उसका नाम अभी लिया नहीं ,
हसरतें मजलूम हैं वेशक ,
उसको कह दूं अभी ग्वारा नहीं ,
होने दें एहसास जरा उसको ,
इस ख्याल का भी कुछ ख्याल हो नहीं ,
इस हसरत भरी...