...

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ए मेरे हमसफर
एक सपना जो
रातों की नींद उड़ा दे,
चल मेरे हमसफर
हासिल करना है,
तुझे बोहोत कुछ ।।१।।

कदम कदम से
पहला कदम,
पर्वत से
जो सागर तक,
चलना है तुझे ।।२।।

कठोर कठोर
तू बनते जा,
बाधाओं से गुजरते जा
हलका तू होते जा,
आसमान में जो उड़ना है...