...

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"बहुत खामोशी में रात गुजारी है कि "
बहुत खामोशी में रात गुजारी है कि,
सपने तेरे फिर से मुझसे रुठ जाए,
कहीं बंद आंखों में ही तुमसे मिल पाऊ,
और आंखें खुले कि फिर ये टूट जाए!!

किसी बन्द तिजोरी में कैद कर लिया है,
कि बेनाम हवा...