...

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मेरी वेलेंटाइन
तुम मेरी वेलेंटाइन बनी हुई
अपना जीवन यूं खपाती रही
तुम जब बालों की लहराती थी
एक घनघोर काली घटा सी
छा जाती थी मेरे आगोश पर
तपती धूप में घनी छांव सी
मैं अनदेखी करता रहा हूं, जीवन भर

14 फरवरी के उन सभी दिनों को
जब सज संवर कर रहती थी प्रफुल्लित
इस इंतजार में कि मैं कोई गिफ्ट दूंगा...