...

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बिखर
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे, अब टिके रहने का जिद्द छोड़ दे।
हवा के विपरित कौन चल पाया
उखड़ती सांस टूटटी काया,
बिखरते रिश्ते,जीवन है माया
प्रभू से बंदे नाता जोड़ ले।
सच मे जीवन नियमो की किताब
अंत समय तक होता हिसाब
पोथी स्याही ठीठक जाऐगा
कब तक तू इससे बच पाऐगा।
मिलने मिलाने से बनता ये जीवन
कर्तव्य पथ पर चलना है जीवन
कदम मिलाले संवर जाऐगा
निखर जाऐगा तू निखर जाऐगा।

© नीरज कुमार