अरमानों की डोली
खाली-खाली अरमानों की डोली है।
साथ नहीं अब ख्वाबों की हमजोली है।
कैसे अब जीवन कटेगा बिन उसके।
उसके बिन जीवन की डाली है लचके।
दिल का पक्षी कब तक उड़े आकाश में।
कैसे अब बिन डोरी हम जुड़े आकाश से।
रात की तन्हाई अब मुझे डराती है।
याद तेरी अब हद से ज्यादा आती है।
मेरे दिल के अरमां सारे डूब गए।
अपने ही मुझसे मजे ले खूब गए।
कितनी तीखी लगती सबकी बोली है।
साथ नही अब ख्वाबों की हमजोली है।
© Ank's
साथ नहीं अब ख्वाबों की हमजोली है।
कैसे अब जीवन कटेगा बिन उसके।
उसके बिन जीवन की डाली है लचके।
दिल का पक्षी कब तक उड़े आकाश में।
कैसे अब बिन डोरी हम जुड़े आकाश से।
रात की तन्हाई अब मुझे डराती है।
याद तेरी अब हद से ज्यादा आती है।
मेरे दिल के अरमां सारे डूब गए।
अपने ही मुझसे मजे ले खूब गए।
कितनी तीखी लगती सबकी बोली है।
साथ नही अब ख्वाबों की हमजोली है।
© Ank's