तेरे कर्म ✍️✍️✍️
तेरे कर्म
किसी के चेहरे की हँसी तो किसीके चेहरे पर गम देखा !
रिश्तों की दखलंदाजी से चोटिल खुदको मरहम देखा !
जाने क्यों किसी को मुस्कुराता देखता हूँ तो अखरता है !
एक बात सच है अपनों में अपना आसमान बिखरता है !
रत्ती भर कदर से एक बिखरते आशियाने को सँवार दे !
दौलत का नशा छोड़ बन्दे खुमारी अब खुदसे उतार दे
दौलत वस्त्र देती है किन्तु स्वयं ही धारण करना पड़ता है
दौलत से अर्जित दुः...
किसी के चेहरे की हँसी तो किसीके चेहरे पर गम देखा !
रिश्तों की दखलंदाजी से चोटिल खुदको मरहम देखा !
जाने क्यों किसी को मुस्कुराता देखता हूँ तो अखरता है !
एक बात सच है अपनों में अपना आसमान बिखरता है !
रत्ती भर कदर से एक बिखरते आशियाने को सँवार दे !
दौलत का नशा छोड़ बन्दे खुमारी अब खुदसे उतार दे
दौलत वस्त्र देती है किन्तु स्वयं ही धारण करना पड़ता है
दौलत से अर्जित दुः...