दर्द मालूम हो तो, दवा ढूंढ लेंगे।
इतना जोर से दिया झटका मोहब्बत में।
चकना चूर हुआ दिल मेरा, कम वक्त में।
नादान थे हम, तुम्हारे बहकावा में आ गए।
जो ना चाहत तुमसे थी, वो हम पा गए।
कैसे सहता रहूं मैं, और कैसे किसी को बताएंगे।
दर्द मालूम हो तो,.......….........।।
नज़रिया अलग- अलग थी तुम्हारी।
पर तुम थी सुंदर नारी।
हमें चाहत नहीं थी , तुम्हें अपनाने को।
जिद में तुम थी , हर वक्त मुझे सताने को।
कैसे किसी को बताए अपनी...
चकना चूर हुआ दिल मेरा, कम वक्त में।
नादान थे हम, तुम्हारे बहकावा में आ गए।
जो ना चाहत तुमसे थी, वो हम पा गए।
कैसे सहता रहूं मैं, और कैसे किसी को बताएंगे।
दर्द मालूम हो तो,.......….........।।
नज़रिया अलग- अलग थी तुम्हारी।
पर तुम थी सुंदर नारी।
हमें चाहत नहीं थी , तुम्हें अपनाने को।
जिद में तुम थी , हर वक्त मुझे सताने को।
कैसे किसी को बताए अपनी...