महाभारत द्रोपती वचन।।
सनातन धर्म 🙏🏻
धर्म युद्ध।।
महाभारत द्रोपती वचन
जब पांडव ने मुझे दाव पर लगाकर सारी सीमाएं लागी। किसके हक से उन्होंने जुए में । मैं थी हारी। फिर दुशासन ने अपनी सारी मर्यादा थी लागी। मासिक धर्म मैं थी में जब उसने मेरे केश पड़कर कर की थी मेरी खींचा तानी। भरी सभा में वो जब मुझे घसीटते था लाया मेरी चीखे सुनके भी किसी को तरस नही था आया। मैने चिल्ला चिल्ला कर था पूछा । है गधा कहां गांडीव कहां क्या जंग लगी तलवारों को सौ सौ अधिकार...
धर्म युद्ध।।
महाभारत द्रोपती वचन
जब पांडव ने मुझे दाव पर लगाकर सारी सीमाएं लागी। किसके हक से उन्होंने जुए में । मैं थी हारी। फिर दुशासन ने अपनी सारी मर्यादा थी लागी। मासिक धर्म मैं थी में जब उसने मेरे केश पड़कर कर की थी मेरी खींचा तानी। भरी सभा में वो जब मुझे घसीटते था लाया मेरी चीखे सुनके भी किसी को तरस नही था आया। मैने चिल्ला चिल्ला कर था पूछा । है गधा कहां गांडीव कहां क्या जंग लगी तलवारों को सौ सौ अधिकार...