!! ख़्वाहिश !!
ख़्वाहिश वो पिंजरा है
जहाँ से कोई कभी
आज़ाद नहीं होता
अनकही अनदेखी
अनजानी अनसुनी
अनसोची ख़्वाहिशें
चाहत...
जहाँ से कोई कभी
आज़ाद नहीं होता
अनकही अनदेखी
अनजानी अनसुनी
अनसोची ख़्वाहिशें
चाहत...