जुदाई
साहिल की रेत पर मेरी इक दुनीयाँ थी
इश्क की हमारे लिखी कहानीयाँ थी....
तुफाँ की मौज बिखरा गयी मेरा जहाँ
जहा कभी ऊल्फत की आराईयाँ थी....
ऐसा नही के...
इश्क की हमारे लिखी कहानीयाँ थी....
तुफाँ की मौज बिखरा गयी मेरा जहाँ
जहा कभी ऊल्फत की आराईयाँ थी....
ऐसा नही के...