...

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घड़े सा था मैं
घड़े सा था मैं,
तुम मुझमें पानी की तरह,
अपनी मुसकान से,
तुम मुझे शीतल किया करती थीं
और घुल जाया करता था,
मैं तुममें मिट्टी की सुगंध की...