9 views
अंतिम समय
कुछ तो तुमसे रिश्ता है
यूँ हीं नहीं मेरा दिल तरसता है
यूँ तो बहुत लोग है मुझे कहने के लिए
बस मुझे तुम्हें ही सब कहने का दिल करता है
कितना भी कुछ पुराना हो
तुमको ही सब बताना हो
कुछ आज नया हुआ हो
तुम तक बस पहुंचाना हो
कभी कभी बस खामोश हो जाती
तेरी परेशानी समझ नहीं पाती
दिल जानता तो है तुम मशरूफ़ बहुत
पर ये मन को तसल्ली हो नहीं पाती
जाने तुम किस मुशिकल में घिरे हो
चाह कर भी तुम तक पहुँच नहीं पाती
फिर मन ही मन में न जाने कितना
कुछ सब कह जाती
काश मुझे भी तुम पर कोई हक होता
तो घडी घडी ये दिल न खोता
होती आज़ादी तुम्हे सब कह देने की
तेरे दिल की हर बात सु लेने की
दिनों दिन अब दूरियां बढ़ रही है
मेरी जान ऐसा लगता तन से निकल रही है
साँसो के रिदम ज़रा बदल रहे है
तेरी सूरत देखे बिन कितना तड़प रहे है
तुम एक वादा मुझसे करोगे ना
मेरे अंतिम समय में मिलोगे ना
© बावरामन " शाख"
यूँ हीं नहीं मेरा दिल तरसता है
यूँ तो बहुत लोग है मुझे कहने के लिए
बस मुझे तुम्हें ही सब कहने का दिल करता है
कितना भी कुछ पुराना हो
तुमको ही सब बताना हो
कुछ आज नया हुआ हो
तुम तक बस पहुंचाना हो
कभी कभी बस खामोश हो जाती
तेरी परेशानी समझ नहीं पाती
दिल जानता तो है तुम मशरूफ़ बहुत
पर ये मन को तसल्ली हो नहीं पाती
जाने तुम किस मुशिकल में घिरे हो
चाह कर भी तुम तक पहुँच नहीं पाती
फिर मन ही मन में न जाने कितना
कुछ सब कह जाती
काश मुझे भी तुम पर कोई हक होता
तो घडी घडी ये दिल न खोता
होती आज़ादी तुम्हे सब कह देने की
तेरे दिल की हर बात सु लेने की
दिनों दिन अब दूरियां बढ़ रही है
मेरी जान ऐसा लगता तन से निकल रही है
साँसो के रिदम ज़रा बदल रहे है
तेरी सूरत देखे बिन कितना तड़प रहे है
तुम एक वादा मुझसे करोगे ना
मेरे अंतिम समय में मिलोगे ना
© बावरामन " शाख"
Related Stories
9 Likes
0
Comments
9 Likes
0
Comments