...

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latifon ka hai
यह युग कविता का नहीं, लतीफों का है!

गीतों का कोई मोल नहीं आंकेगा
करुणा में इतना व्यर्थ कौन झांकेगा
फूहड़ मजाक तक अगर न तू उतरा, तो-
सड़कों पर बिखरी हुई धूल फांकेगा

तुझको प्रकाश में आना है यदि भाई
छिछले पानी में तैर, छोड़ गहराई

यह युग कविता का नहीं, लतीफों का है!