...

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अधूरी ख्वाहिश
मुझे भी करनी थी नादानियां वो नए नए प्यार की
मुझे भी समझनी थी वो बेचैनियां इंतजार की

मुझे भी जागनी थी रातें किसी की याद में
मुझे भी मांगनी थी सलामती किसी की फरियाद में

मुझे भी लोगो से छुप छुप के किसी से मिलना था
मुझे भी किसी को एकटक प्यार से देखना था

मुझे भी घूमना था सडको पर किसी का हाथ पकड़ के
मुझे भी चूमना था किसी को कसके बाहों में जकड के

मुझे भी अपने सपनों का घर किसी के साथ बनाना था
मुझे भी किसी की याद में आंसू बहाना था

कर न पाया पर मुझे भी किसी से इजहार करना था
हा कोई थी जिससे मुझे भी प्यार करना था

© Anjaan