" मेरी प्रिय "
तू बहती नदी की धारा सी
मैं ठहरा सरोवर का नीर प्रिय
तू सावन की रिमझिम बौछार सी
मैं भादो का नीरस फकीर प्रिय
तू गुलाब की कोमल पंखुड़ी सी
मैं कांटो में लिपटा शमशीर प्रिय
तू धधकती अग्नि की ज्वाला सी
मैं उसे ठंडा करता सा समीर प्रिय
तू नृत्य-लेखन कला - प्रतिभाओं से परिपूर्ण
मैं ❤️ में बना पाया केवल तेरी तस्वीर प्रिय !!
© All Rights Reserved : Rhythm
मैं ठहरा सरोवर का नीर प्रिय
तू सावन की रिमझिम बौछार सी
मैं भादो का नीरस फकीर प्रिय
तू गुलाब की कोमल पंखुड़ी सी
मैं कांटो में लिपटा शमशीर प्रिय
तू धधकती अग्नि की ज्वाला सी
मैं उसे ठंडा करता सा समीर प्रिय
तू नृत्य-लेखन कला - प्रतिभाओं से परिपूर्ण
मैं ❤️ में बना पाया केवल तेरी तस्वीर प्रिय !!
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