...

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" मेरी प्रिय "
तू बहती नदी की धारा सी
मैं ठहरा सरोवर का नीर प्रिय

तू सावन की रिमझिम बौछार सी
मैं भादो का नीरस फकीर प्रिय

तू गुलाब की कोमल पंखुड़ी सी
मैं कांटो में लिपटा शमशीर प्रिय

तू धधकती अग्नि की ज्वाला सी
मैं उसे ठंडा करता सा समीर प्रिय

तू नृत्य-लेखन कला - प्रतिभाओं से परिपूर्ण
मैं ❤️ में बना पाया केवल तेरी तस्वीर प्रिय !!







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