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कहे देती हूं ’हां’ की... तुम बड़े वो हो
खट्टी मीठी नोक झोंक
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देखो जी,
सुबह को तो तुम ऑफिस चले जाते हो
और मुझे अपने खयालों में छोड़ जाते हो
कह देती हूं ’हां’ की...
तुम बड़े वो हो,
हवा के झोको संग क्यूं अपनी यादों को भिजवाते हो।


देखो जी,
ये जो तुम मंद मंद मुस्काते हो
मेरे गालों पे गिरी जुल्फों को हटाते हो
कहे देती हूं ’हां’ की....
तुम बड़े वो हो;
करीब आने के लिए कोई न कोई बहाना बनाते हो।

देखो जी,
ये जो तुम आध–घंटे का बोल के जाते हो
फिर चार–घंटे के बाद वापस आते हो
कहे देती हूं ’हां’ की...
तुम बड़े वो हो;
मनाने के तरीके खूब कहां से सीख के आते हो

देखो जी,
पहले तो खट्टी मीठी नोक झोंक में उलझाते हो
हद तब होती है जब चार बात सुन के बाज आते हो
कह देती हूं ’हां’ की...
तुम बड़े वो हो;
हमारे सारे नाज़ नखरे उठाने में बड़ा हूनर दिखाते हो

देखो जी,
पहले तो हमारी तारीफ कर के हमे रिझाते हो
फिर हम कुछ डिमांड करे तो गाहे–बगाहे तांकते हो
कहे देती हूं ’हां’की...
तुम बड़े वो हो;
फिर तुम तो वैसे ही खूबसूरत हो कह के पीछा छुड़ाने हो।
#vineetapanchal


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