...

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कई बार
कई बार हम भूल जाते है,
अपने अगल बगल देखना।
नई ऊर्जा, नई कोपलें,नया वसंत
मिट्टी की महक, कच्ची सड़क
और खिला आसमान....

महसूस ही नहीं कर पाते
उन हवाओं को जो
रचती है इतिहास...

भूल जाते है कि
महसूस करना तो
सतत प्रयास है, जीने का
अपने अपने अंदाज में....
हम सभी का इन फिजाओं में।


© Jyoti Dhiman