...

11 views

आलस्य गान😜
स्वप्न उतर उतर जाता है आलस्य जब चढ़ जाता है
कैसे बढ़े पांव मेरे, डर का फंदा भी फंसा जाता है
कार्य में निपुण हो जाना किसी ने ना सिखलाया
टैलेंट शब्द से भ्रमित कर, संघर्ष से है बचाया
जब मोटिवेशन और आलस्य में कभी झगड़ा हो जाता है
थोड़ी देर के लिए मोटिवेशन, बाद में आलस्य जीत जाता है
एक दिन में जग जीतूं कैसे, सोच नहीं पाता हूं😜
सलाह मांग मांग लोगों से रोज थक सा जाता हूं
देखता हूं जो जग जीत चुके कैसी जिंदगी जीते हैं
आलस्य और मोटिवेशन का संघर्ष वो कहां करते हैं
क्यों जग का सारा आलस्य मेरे अंदर ही समाया है
एक कदम बढ़ाने में भी दिल जोरों से घबराया है
हाथ की रेखा देखने वाले भी कहां आलस को देख पाए
हवन करने वाले कहां इसको भगाने का हवन खोज पाए
किसी धर्म ग्रंथ में आज तक ना मिला कोई उपचार इसका
ना ब्लड टेस्ट, ना एक्स-रे, ना बना कोई दवा‌ इसका
मोबाइल, टीवी, सोफा बनाने वालों पर केस चलाना है
मेरी आलस्य को यूरिया देने में इनका योगदान ज्यादा है
किसी ने बोला जापानियों से सीखो कर्मठ हो जाना
काइजन पुस्तक खरीद कर सोचा इसको है पढ़ जाना
पर आलस्य की विपदा यहां पर भी आन पड़ी
आलस्य ही मुझ पर सबसे बड़ी मुसीबत जान पड़ी
सलाह देने को आतुर अगर आप कोई सलाह दे जाओ
मेरा आलस्य कैसे भगे कुछ तो तोड़ दे जाओ🙂


© Ashutosh Kumar Upadhyay