ए अश्क़
ए अश्क़,
गर रोने से वो मिले
तो बेशक रुला मुझे
हर कतरा हर घुट
बरसा कर पीला मुझे
आँखों को बादल बना...
गर रोने से वो मिले
तो बेशक रुला मुझे
हर कतरा हर घुट
बरसा कर पीला मुझे
आँखों को बादल बना...