...

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किताब
#Writ
किताब को प्रस्तावना से शुरू किया
फिर उपसंहार तक न रुका जिया
पेज पर पलटता गया पेज
कहानी को ऐसे दिया था सहेज
दोस्त, रिश्ते, पड़ोसी, परिवार
रोना, मनाना, प्यार, दिवार
मन को समझ न आया संसार
किताब का कुछ ऐसा था उपसंहार




© उत्तराखंडी Kamlesh Kandpal