...

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इंसान इंसानियत भूल रहा है
इंसान इंसानियत भूल रहा है
या दंभ मे चूर गया है
देख रहा है खुली आंख से
मुख पर ताला झूल रहा है
इंसान इंसानियत भूल रहा है

कर रह फरियाद तुमसे
हाथ सहारे ढूंढ रहा है
हाथ बढ़ाने थे मगर वह
दर्शक बना वो मूक खड़ा है
इंसान इंसानियत भूल रहा है

देख रहा है स्वार्थ अपना
सबका सुख वो भूल गया हैं
दे रहे थे जो साथ अपना
उनका दामन छूट रहा है
इंसान इंसानियत भूल रहा है
© SanVee