...

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तन्हाई
कल शाम जब चली हल्की सी पुरवाई
और हमें उनकी याद आई

हमने दिल को बहुत समझाया
पर दिल न माना हरजाई

उस पर चांद ने भी इक उम्मीद सी जगाई
मैंने सोचा शायद मेरी किस्मत जगमगाई

पर जब उठी और देखा
तो सामने थी सच्चाई

बस मैं थी
और थी मेरी तन्हाई....


© vatika