...

12 views

❣️"मूर्ति से परे: विश्वास में हमारे"❣️
हे नाथ! भक्त रोते तुम्हारे सामने,
कोई क्यू रोएगा मूर्ति के सामने?
क्युकी हम जानते है,
तुम मूर्ति हो पर,
उनके लिए जो अविश्वासी है।
हम तो तुम्हारे दीवाने है,
जानते है तुम चैतन्य रूप में विराजे हो।
अगर भाव हमारा सच्चा है,...