प्रेम तुम्हारा.. शाश्वत.!
प्रेम तुम्हारा,
अनिश्चित,अनन्त,अकल्पनीय,अडिग,अविचल, अमर्त्य,अजेय,है..
और उसकी अनुभूति पूज्यत,शाश्वत,है,
तुम्हारा प्रेम जो हमने किया..और जो पाया, वो सब है,
प्रेम संघर्ष था,जो कर...
अनिश्चित,अनन्त,अकल्पनीय,अडिग,अविचल, अमर्त्य,अजेय,है..
और उसकी अनुभूति पूज्यत,शाश्वत,है,
तुम्हारा प्रेम जो हमने किया..और जो पाया, वो सब है,
प्रेम संघर्ष था,जो कर...