मातृत्व की ओर
#एफेमेराळमोमेंट्
एक युवती थी नटखट सी
शरारतें करती अहमक़ सी |
था रूप -रंग पे गर्व बड़ा,
यौवन नाजुक फूलों से भरा |
तकती रहती रूप -आभा दर्पण में,
स्वप्न सुनहरे थे नयनों में |
प्रीत के अनुराग बँधी वो
नख -शिख श्रृंगार सधी वो |
सहसा मुरझा...
एक युवती थी नटखट सी
शरारतें करती अहमक़ सी |
था रूप -रंग पे गर्व बड़ा,
यौवन नाजुक फूलों से भरा |
तकती रहती रूप -आभा दर्पण में,
स्वप्न सुनहरे थे नयनों में |
प्रीत के अनुराग बँधी वो
नख -शिख श्रृंगार सधी वो |
सहसा मुरझा...