...

6 views

protect your self in crowded
अगर हमें भीड़ में खुद को सुरक्षित रखना है तो हमें तरह-तरह की तितलियों के अनुभव को खुद में शामिल नहीं करना पड़ेगा, जो भीड़ में हर तरह के अनुभव में खुद को शामिल कर लेते हैं, वही लोग, खुद वही लोग। मैं इकट्ठा करता रहता हूं और इकट्ठा करता रहता हूं। अगर हमें भीड़ में खुद को सुरक्षित रखना है तो हमें तरह-तरह की तितलियों का अनुभव खुद में करना होगा। हर तरह के अनुभव। जो लोग खुद में तितलियां इकट्ठा करते हैं, वही लोग लेखक में खुद को इकट्ठा करते रहते हैं। और आप खुद को लेखक बना लीजिए। अपने होठों पर मौन रखें और बिना कोई शोर मचाए दूसरों के अनुभव को आत्मसात करें। दूसरों की नकल न करें, उन्हें लपेटते हुए आगे बढ़ें महिलाएं और पुरुष खुद को बछेड़ों में लपेट लेते हैं जब उनका जीवन समाप्त होने वाला होता है लेकिन हम लेखक दूसरों के जीवन को लपेटने नहीं आते बल्कि हम दूसरों के अनुभव को अपने हाथों में लपेटने आते हैं जब उनका जीवन समाप्त महिलाएं और पुरुष अपने जीवन के अंत होने पर खुद को कपड़ों में लपेट लेते हैं लेकिन हम लेखक दूसरों के जीवन को कपड़ों में लपेटने नहीं आते हैं हम दूसरों के अनुभव को अपने लेखन में लपेटने आते हैं जब उनका जीवन समाप्त हो जाता है कोल्ट्स लेकिन हम लेखक दूसरों के जीवन को लपेटने नहीं आते हैं बल्कि हम दूसरों के अनुभवों को अपने लेखन में लपेटने आते हैं.. अनुभव अच्छा हो या बुरा, हम लेखक हर बुरे अनुभव को अच्छे में बदल देंगे, इस दुनिया में कुछ लोग बुरी तितलियों की तरह होते हैं जो अच्छे लोगों को चूसते हैं। जिस तरह स्याही खत्म हो जाने पर कलम काम नहीं करती है, उसी तरह लेखक के अनुभव में लेखनी किसी के कागज पर तब काम नहीं करती है जब लेखनी खत्म हो जाती है,,,
© Nikita kour