...

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आज का प्यार
झूठी सी कहानियाँ बनाकर किसी की जिन्दगी से इस कदर मत खेलो,
सब कुछ लुटा दे अपना किसी को इस कदर मजबूर मत करो,
रिश्ते निभा ना पाओ तो झूठे वादे मत करो ,
कोई ऊब जाए अपनी ही जिन्दगी से किसी को इस कदर परेशान मत करो,
खुशियाँ दे नहीं सकते तो किसी को गम देने की गलती मत करो,
हो प्यार तो दुनिया मे कभी उसे बदनाम ना करो,
कभी आये शर्म खुद पर तो इक नज़र ज़रा अपने गिरेबान पर भी मारो ,
हो कभी गलती का एहसास तो कम से कम एक बार माफी तो मांगो ,
क्या हिसाब दोगे कल उस रब को अपने गुनाहो का
अच्छा है यही माफीनामा मांगो ,
अंदाजा भी ना होगा तुमको क्या तुमने अपनी अय्याशी में किसी का उजाड़ा
है ,
किसी के घर की इज्जत गयी ओर तुमने हर पल फिर उसी को गुनाहगार ठहराया है ,
क्या सिखाऔगे तुम कल अगली पीढ़ी को जब खुद ही तुमने किसी का सब कुछ उजाड़ा है ।।


© kmli