...

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वो बारिश की शाम
मैं खोया तुम्हारे खयालों में,कुछ लिख रहा था,
बैठा उस शाम में, बारिश की बूंदों के बीच,
सिर ढके बिना, बस तुम्हारे साथ बिताए
हर लम्हे को उन बूंदों के साथ गिन रहा था।

गीले बालों से टपकती बारिश की बूंदें और बदन से चिपका हुआ वो आसमानी सूट, मुझे तुम्हारी ओर खींच रहा था।

अपनी लटों को धीरे से सवार कर,...