...

5 views

मुझे अकेले रहने दो
घाव गहरा है दर्द सहने दो मुझे अकेले रहने दो।
जिंदगी की जद्दोजहद ने मुझे बहुत सताया है।।

जी भर उसने रुलाया है ग़म उसके खोने का नहीं।
उसके बेवफा होने का है, मेरे हालात पर बेसक "
आसमान भी अब तो फफक फफक रोने को है...!!

बहुत समझाया इस दिल को पर समझ ना आया इसको,
हर बार तेरी याद रात दिन चारों पहर दिलाता रहा मुझको।।

मोहब्बत का ऐसा हस्र ना हुआ होगा अब तलक,
जैसा कि मेरा हुआ है क़सम से ओ मेरे रह गुज़र।।

वफ़ा के सिवा ना कुछ चाहा हमने,
बेवफाई के सिवा ना दिया कुछ तुमने।।

दिल के अरमान सारे बन कर आंसू बह गए।
अश्कों के मोती से दरिया ए ग़म के भर चलें।।

ना नींद ना चैन ना दो पल का सुकून ही मिलता है।
जल रहा हूं ऐसे जलता है कोई परिंदा दीए के संग जैसे।।

सज़ा तो दे दी तुमने मुझे मग़र कुसूर तो बताया नहीं मेरा अब तलक....??
गर हो इजाजत आपका तो क्या जान सकता हूं मैं कुसूर मेरी मोहब्बत का...??
सच-सच कहना धोखा ना देना भरोसा अभी तक उठा नहीं है तुमसे मेरा..!!
किरण