//इंसान कहां खो गया है//
पिघलता था जो औरों के लिए
आज पाषाण हो गया है
भगवान बनने की कोशिश में
आज हैवान हो गया है
ना जाने वो मासूम सा इंसान
आज कहां खो गया है
खुशियों के फूल खिलते थे जहां
खाली वो बागान हो गया है ...
आज पाषाण हो गया है
भगवान बनने की कोशिश में
आज हैवान हो गया है
ना जाने वो मासूम सा इंसान
आज कहां खो गया है
खुशियों के फूल खिलते थे जहां
खाली वो बागान हो गया है ...