...

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ख़्वाब और ख़्याल
ख़्याल है कि थमते ही नही
ख़्वाब है कि सुनते ही नही
बस अपनी रौ में बहते हैं
किसी की मानते नही बस ख़ुद की कहते हैं
ख़ूबसूरत बहुत है ये ख़्वाब मगर सच नही
ख़्यालों का क्या बेवजह कुछ भी कभी भी
कट रही हैं ज़िन्दगी इन्ही ख्वाबों ख़्यालों में
हर सच जानना भी नही, क्या रखा है सवालो में
जाने कितनी सच हैं, कितनी गलतफहमियां हैं
मुद्दे की बात ये हैं कि ज़िन्दगी में खुशियां हैं


© preeti- let's talk life