adakara
यहाँ सांसें लेना मुमकिन नहीं और वो जीए जा रहे हैं
हम भीड़ में गुमनाम रहने लगे , और वो मशहूर हुए जा रहे हैं
चेहरे दर चेहरे पर , रिश्तों पर अब मुझको भरोसा नहीं
और एक वो हैं जो घड़ी दो घड़ी में मुखौटा बदले जा रहे हैं
सचमुच उनसे...
हम भीड़ में गुमनाम रहने लगे , और वो मशहूर हुए जा रहे हैं
चेहरे दर चेहरे पर , रिश्तों पर अब मुझको भरोसा नहीं
और एक वो हैं जो घड़ी दो घड़ी में मुखौटा बदले जा रहे हैं
सचमुच उनसे...