...

21 views

हिम्मत
अधिकार नहीं किसी को
कि तुम्हारे चरित्र को आंके
और जो आंके तो
थर थर कांपे...

अधिकार नहीं किसी को
कि कहे तुम्हें नकारा
और जो कह दिया तो
कह न पाए दोबारा...

अधिकार नहीं किसी को
कि ठहराए तुम्हें पनौती
और जो ठहराए तो
देना उसे चुनौती...


© first muskan