aakhri mulaqaat bhi...
तू है भी ऐसे मेरे पास यूँ,
दिल हे साथ तेरे उदास क्यों,
हे प्यास तो भुजी भुजी,
फिर छलक रहे हैं जाम क्यों,
मुँह सिये बैठे हैं यूँ,
ठंडी हो रही ये चाय क्यों,
जरा बोल दे हे बात क्या,
समझ तो रहा में है राज़ क्या,
होना हे अलग तो अब...
दिल हे साथ तेरे उदास क्यों,
हे प्यास तो भुजी भुजी,
फिर छलक रहे हैं जाम क्यों,
मुँह सिये बैठे हैं यूँ,
ठंडी हो रही ये चाय क्यों,
जरा बोल दे हे बात क्या,
समझ तो रहा में है राज़ क्या,
होना हे अलग तो अब...