...

2 views

मेरा बचपन
मेरा बचपन


आओ हम अपने, बचपन की ओर लौटते हैं।
आओ फिर से उन, पलों को याद करते हैं।।

सबसे प्यारा , हमारा बचपन ही था।
जो हमें आज भी, याद आता है।
वक्त तो गुजर गया , लेकिन वह दौर ,
हमे आज भी याद आता है ।।

तो सोचते काश एक बार फिर बचपन आजाए .............


गांव की गलियों में , दोस्तों के साथ,
भागना दौड़ना , कितना अच्छा लगता था ।
कितनी सुकून और निस्वार्थ जिंदगी थी।
चेहरे पर दंतुरित , मुस्कान हमेशा बनी रहती थी।।
वह पल हमे, आज भी याद आते है ,

तो सोचते काश एक बार .............................


पापा की डांट के बाद , मम्मी के आंचल में छुपना।
कभी मां गुस्सा हो जाती तो , बहन का प्यार पाते।
जब सब सो जाते तो , सबसे छुपकर।
हमारे लिए , खाना लेकर आना ।
वह पल, हमे आज भी याद आते हैं ।।

तो सोचते हैं काश एक बार .........................


स्कूल से आते ही , बस्ते को फैककर खेलने जाना।
ना भूख लगती थी , ना प्यास लगती थी
वह बचपन ही था , जिसमें सारे दिन खेला करते थे
वह पुराने खेल , हमे आज भी याद आते हैं।

तो सोचते हैं काश एक बार ....................

आज का बचपन तो , मोबाइल में बीत रहा है
हमारा तो गुल्ली डंडा और कंचों में बीता करता था
बुजुर्गों के पास कुछ , पल बैठकर बातें करना।
कितना अच्छा और रोचक लगता था।।
वह पल आज भी याद आते हैं

तो सोचते हैं काश एक बार .......................


लिखित दिनांक BY- ओमप्रकाश मीणा
15/02/2023









































© All Rights Reserved