...

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aashu ke yek pal...♥️
सौ आंसू बहाने से सागर नहीं मिलता
ठुकरा दिया जिसे वो अक्सर नहीं मिलता

खोया हैं हमसफ़र मेरा, पछता रहा हैं दिल
इस जिन्दगी को भीड़ में राहबर नहीं मिलता

बे-बात किसी पे ना तुम इल्जाम लगाना
फिर हाथ मलो, आंखों को मंजर नहीं मिलता

ये सच है बात हीरा ना पहचान सकी मैं
दिल तोड़ने वालों को मुकद्दर नहीं मिलता

आज़ाद परिंदों की जगह पिंजरे में नहीं
पर (पंख) काटने वालों को अम्बर नहीं मिलता

अच्छा भला बसा था तेरा आशियां आशिक़
शक की नज़र वाले को हमसफ़र नही मिलता

अपने ही हाथों अपने सब अरमान लूट गए
घर में बिछी हैं लाश पर खंजर नहीं मिलता