एक अनजाना सा रिश्ता !
कोई है जो हमें अपना समझने लगा है।
बिना बोले हमसे सब कुछ कहने लगा है।।
ना हो बात कभी उनसे तो वो, परेशा होने लगते हैं।
हमसे फिर वह बात करने के बहाने ढूंढने लगते हैं।।
जाने कौन सी डोर बंधी हुई है, हमारे...
बिना बोले हमसे सब कुछ कहने लगा है।।
ना हो बात कभी उनसे तो वो, परेशा होने लगते हैं।
हमसे फिर वह बात करने के बहाने ढूंढने लगते हैं।।
जाने कौन सी डोर बंधी हुई है, हमारे...