...

5 views

#भ्रष्टाचार #हौसला #मजबुरी #जिंदगी
ऐसी भी क्या मजबूरी यारों ! जीवन में,
'काल' को भी 'लाल' जब कहना पडे !?! १

ज्यादा हुआ तो सर कलम होगा तन से
'सांप' को भी क्यों 'बाप' कहना पडे !?! २

तडप तडपकर जीना भी क्या जीना है यारों !
जब 'मजबुरी' से ही क्यो 'मजदूरी' करना पडे !?! ३

जमाने ने कई तिलस्मी सब्जबाग दिखाये थे कभी !
चकनाचूर हो गये वो ख्वाब जो 'बाग-बग' थे कभी !! ४

अपने ही शरीर के अंग धोखा दे जातें है यारों कभी !
हर मुश्किल नया 'सबक' सीखाता जिंदगी में तभी !! ५

राहों को डगर कह लो, या फिर राजमार्ग ही.. यारों !
सफलता ने प्रायः चुने है 'आसान शोर्टकट' ही जानो !! ६

लडना, संघर्ष करना, कडी मेहनत करना-हीनताबोध है !
दोनों हाथों का-लेन देन का 'व्यवहार' ही जहाँ की रीत है !! ७

© Bharat Tadvi