काश के तुम्हें बता पाता ! | Shiv Yogi 🪶
“काश के तुम्हें बता पाता !”
बिछड़े हुए रास्तों की धूप बहुत जालिम होती है,
काश के तुम्हें बता पाता, मेरी तन्हाई की कहानी।
छूटे हुए सपनों की खोई धड़कनें सुनाती हैं विरह की कहानी,
काश के तुम्हें बता पाता, मेरी आँखों...
बिछड़े हुए रास्तों की धूप बहुत जालिम होती है,
काश के तुम्हें बता पाता, मेरी तन्हाई की कहानी।
छूटे हुए सपनों की खोई धड़कनें सुनाती हैं विरह की कहानी,
काश के तुम्हें बता पाता, मेरी आँखों...