...

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क्या पाया क्या खोया
क्या चाहा क्या पाया कुछ समझ नहीं आया
मोहब्बत में बनने चले थे शरीफ अपनी ही खुशियों को मैंने गवाया
खफा हूं मैं उससे अन्दर ही अन्दर बताने की हिम्मत नही कर पाया
अकेले ही जलता हूं खुद में बिखरता...