तू धरती तो मैं हूँ गगन
मैं सूरज सा ज्वालापुंज, तू है शीतल चाँदनी,
मैं हूँ दिन का उजाला, तू है रातों की रोशनी।
मुझसे नज़र मिलाओ तो आँखें जल जाती,
तुझसे नज़र मिलाकर ऑंखें ठंडी हो जाती।
मैं ग्रीष्म की तपती धूप, तू सावन की फुहार,
मैं लू के थपेड़ों सा, तू है सुरभित सर्द...