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आना चाहिए
मन के संवेगीय धारा को बाहर लाना चाहिए।
शब्द के कमान से दिल के बोझ को पलटना चाहिए।।
जिंदगी की धुन बज रही हो अगर बेशुरा।
कोशिश कर धुन को धुन से मिलाना चाहिए।।
रिश्तों को ख़ामोख़ाँ समझो न बोझ।
बोझ उठाकर भी रिश्तों को निभाना चाहिए।।
लगे है कई रंग के फूल पेड़ों में।
समय आने पर ख़ुद झड़ जाना चाहिए।।
आँखों में भरा है आशु हे भगवन।
दे ग़म या फ़िर खुशियाँ रोने का बहाना चाहिए।।
© sushant kushwaha
शब्द के कमान से दिल के बोझ को पलटना चाहिए।।
जिंदगी की धुन बज रही हो अगर बेशुरा।
कोशिश कर धुन को धुन से मिलाना चाहिए।।
रिश्तों को ख़ामोख़ाँ समझो न बोझ।
बोझ उठाकर भी रिश्तों को निभाना चाहिए।।
लगे है कई रंग के फूल पेड़ों में।
समय आने पर ख़ुद झड़ जाना चाहिए।।
आँखों में भरा है आशु हे भगवन।
दे ग़म या फ़िर खुशियाँ रोने का बहाना चाहिए।।
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