तुम्हारा हक़ है।......
नियति को रोकना बस मे नहीं,
पर नियति बदलना तुम्हारा हक़ है।
दूसरों के महुँ बंद करना बस मे नहीं,
पर उन्हे जवाब देना तुम्हारा हक़ है।
जरुरी नहीं हर चीज़ मील जाए तुमको,
पर उसको पाने कि हर मुमकिन कोशिस करना तुम्हारा हक़ है।
बेसक ना दे कोई साथ तुम्हारा,
पर अपने हक़ के लिए लड़ना तुम्हारा हक़ है।
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© sumit123
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